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Sample paper for class 10, High school final essays of Hindi

It is the most recent sample paper of Hindi course b for class 10

Typology: High school final essays

2023/2024

Uploaded on 02/09/2024

cheena-sachdeva
cheena-sachdeva 🇮🇳

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Download Sample paper for class 10 and more High school final essays Hindi in PDF only on Docsity! 1 | P a g e तदश नप (2023-24) हदं (ब) कोड सं या 085 क ा - दसवीं नधा रत समय :3 घंटे पणूाक :80 सामा य नदश :-  इस नप म दो खडं ह - खडं 'अ' और 'ब'।  खंड 'अ' म उप न स हत 45 व तपुरक न पूछे गए ह। दए गए नदश का पालन करते हुए कुल 40 न के उ र द िजए।  खंड 'ब' म वणना मक न पूछे गए ह, आतं रक वक प भी दए गए ह।  नदश को बहुत सावधानी से प ढ़ए और उनका पालन क िजए।  दोन खंड के कुल 18 न ह । दोन खंड के न के उ र देना अ नवाय है।  यथासंभव दोन खडं के न के उ र मशः ल खए। खंड - अ (व तपुरक न) न 1 न न ल खत ग यांश को यानपूवक पढ़कर इसके आधार पर सवा धक उपयु त उ र वाले वक प चनुकर ल खए- (1×5=5 ) आदमी क पहचान उसक भाषा से होती है और भाषा सं कार से बनती है। िजसके जैसे सं कार ह गे, वैसी उसक भाषा होगी। जब कोई आदमी भाषा बोलता है, तो साथ म उसके सं कार भी बोलते ह। यह कारण है क भाषा श क का दा य व बहुत गु तर और चनुौतीपूण है। परंपरागत प म श क क भू मका इन तीन कौशल -- बोलना, पढ़ना और लखना तक सी मत कर द गई है। केवल यां क कौशल कसी जीती-जागती भाषा का उदाहरण नह ं हो सकते ह। सोचना और महसूस करना दो ऐसे कारक ह, िजनम भाषा सह आकार पाती है। इनके बना भाषा, भाषा नह ं है, इनके बना भाषा सं कार नह ं बन सकती, इनके बना भाषा यगु -यगु का लंबा सफ़र तय नह ं कर सकती, इनके बना कोई भाषा कसी देश या समाज क धड़कन नह ं बन सकती। केवल सं ेषण ह भाषा नह ं है। दद और मु कान के बना कोई भाषा जीवंत नह ं हो सकती। भाषा हमारे समाज के नमाण, वकास, अि मता, सामािजक व सां कृ तक पहचान का भी मह वपूण साधन है। भाषा के बना मनु य पूण नह ं है। भाषा म ह हमारे भाव रा य, सं कार, ांतीयता झलकती है। इस झलक का सबंंध यि त क मानवीय संवेदना और मान सकता से भी होता है। िजस यि त के जीवन का उ दे य और मान सकता िजस तर क होगी, उसक भाषा के श द और मु याथ भी 2 | P a g e उसी तर के ह गे। सा ह यकार ऐसी भाषा को आधार बनाते ह, जो उनके पाठक एव ं ोताओ ंक संवेदना के साथ एकाकार करने म समथ ह । (1) आदमी क पहचान उसक भाषा से होती है, य क- (A) मनु य क पूणता भाषा वारा ह सभंव है। (B) यि त के मनोभाव भाषा से ह य त होते ह। (C) भाषा का चार और वकास कोई रोक नह ं सकता। (D) दद और मु कान के बना भाषा जी वत नह ं हो सकती। (2) न न ल खत कथन (A) तथा कारण (R) को यानपूवक प ढ़ए। उसके बाद दए गए वक प म से कोई एक सह वक प चनुकर ल खए। कथन (A) जब कोई आदमी बोलता है, तो साथ म उसके सं कार भी बोलते ह। कारण (R) : भाषा श क का दा य व बहुत चुनौतीपूण होता है, य क उसे कौशल का वकास करना होता है। (A) कथन (A) तथा कारण (R) दोन गलत है। (B) कथन (A) गलत है. ले कन कारण (R) सह है। (C) कथन (A) सह है, ले कन कारण (R) उसक गलत या या करता है। (D) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सह ह तथा कारण (R) कथन (A) क सह या या करता है। (3) ग यांश म सा ह यकार वारा कए गए काय का उ लेख इनम से कौन-से वक प से ात होता है- (A) सा ह य समाज का दपण है। (B) सा ह यकार सा ह य सजृन म य त रहता है। (C) सा ह यकार सामािजक व सां कृ तक पहचान बनाता है। (D) सा ह यकार जन सामा य क अि मता का प रचायक होता है। (4) 'दद और मुसकान के बना भाषा जीवंत नह ं हो सकती।' लेखक वारा ऐसा कथन दशाता है- (A) यथाथ क समझ (B) सामािजक समरसता (C) सा ह य- ेम (D) भाषा कौशल (5) भाषा तब सह आकार पाती है, जब- (A) मनु य नरंतर उसका अ यास करता रहता है। 5 | P a g e (4) ‘अकसर हम या तो गुज़रे हुए दन क ख ट -मीठ याद म उलझे रहते ह या भ व य के रंगीन सपने देखते रहते ह ।’ रेखां कत पदबधं का भेद है - (A) सं ा पदबधं (B) सवनाम पदबधं (C) वशेषण पदबधं (D) या पदबधं (5) ' खड़क के बाहर अब असहाय दोन कबूतर रात-भर खामोश और उदास बैठे रहते ह। ' रेखां कत पदबधं का भेद है- (A) सं ा पदबधं (B) या पदबधं (C) वशेषण पदबधं (D) या वशेषण पदबधं न 4 नदशानुसार 'रचना के आधार पर वा य भेद' पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र द िजए- (1x4=4) (1) न न ल खत म से उपयु त सरल वा य छाँ टए - (A) जो कहोगे उसका प रणाम तो भुगतना ह पड़ेगा। (B) नहू ने जब उनक बात सुनी तो दखुी हो मु दत तक रोते रहे। (C) दसूरे गाँव के यवुक के साथ संबंध परंपरा के व ध था। (D) म उनक लताड़ सुनता और आसँू बहाने लगता। (2) 'जब से कानून भंग का काम शु हुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान म नह ं क गई थी ।'रचना के आधार पर वा य भेद है - (A) सरल वा य (B) संयु त वा य (C) म त वा य (D) सामा य वा य (3) कॉलम 1 कॉलम 2 के साथ सुमे लत क िजए और सह वक प चनुकर ल खए कॉलम 1 कॉलम 2 1 भाई साहब और म कनकौआ लूटने के लए दौड़ रहे थे। i सयंु त वा य 2 य क मुझ ेऔर भाईसाहब को कनकौआ लटूना था इसी लए हम दौड़ रहे थे। ii सरल वा य 3 मझेु कनकौआ लूटना था और भाई साहब मेरे साथ दौड़ रहे थे। iii म वा य 6 | P a g e वक प (A) 1-(iii) , 2-(i) , 3-(ii) (B) 1-(ii) , 2-(iii) , 3-(i) (C) 1-(i) , 2-(ii) , 3-(iii) (D) 1-(ii) , 2-(i), 3-(iii) (4) न न ल खत वा य म म त वा य है- (A) जैसे ह वे घर से बाहर नकले, वैसे ह जोर से धमाका हुआ। (B) वे लोग घर से बाहर नकले और ज़ोर से धमाका हुआ। (C) धमाका होते ह घर से बाहर नकले। (D) उनके घर से नकलते ह ज़ोर से धमाका हुआ। (5) ' शैल का ढ़ मंत य था क दशक क च क आड़ म हम उथलेपन को उनपर नह ं थोपना चा हए ।' रचना के आधार पर इस वा य का भेद होगा- (A) सरल वा य (B) संयु त वा य (C) म वा य (D) वधानवाचक वा य न 5 नदशानुसार समास पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र द िजए- (1x4=4) (1)'माग यय' श द/सम तपद कौन-से समास का उदाहरण है? (A) वग ुसमास (B) कमधारय समास (C) त पु ष समास (D) अ ययीभाव समास (2)'महाजन'-सम त पद का व ह होगा - (A) महान है जो जन (B) महा है जो जन (C) महान का जन (D) जन क महानता (3) न न ल खत यु म पर वचार क िजए : सम तपद समास i पराधीन i त पु ष समास ii महा मा ii अ ययीभाव समास iii नीलकंठ iii बहु ी ह समास iv स जन iv वगु समास उपयु त यु म म से कौन-से सह सुमे लत ह – (A) i और ii (B) iऔर iii (C) ii और iv (D) iii और iv (4) ' यथाशि त' श द के लए सह समास- व ह और समास का चयन क िजए - 7 | P a g e (A) यथा और शि त - वं व समास (B) यथा क शि त - त पु ष समास (C) शि त के अनसुार - अ ययीभाव समास (D) यथाथ शि त का धनी अथात यि त वशेष- बहु ी ह समास (5) ' तरंगा' का समास व ह एव ंभेद होगा - (A) तीन म रंगा-त पु ष समास (B) तीन रंग- वगु समास (C) तीन रंग के समान- कमधारय (D) तीन रंग वाला अथात भारत का रा वज- बहु ी ह समास न 6 नदशानुसार मुहावरे पर आधा रत छह बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र द िजए- (1x4=4) (1)मुहावरे और अथ के उ चत मेल वाले वक प का चयन क िजए- (A) ततूी बोलना- मुसीबत म फँसना (B) दधू क म खी- अनपुयोगी (C) लोहा मानना- क ठन काम करना (D) टूट पड़ना- काम शु करना (2)'गहर नींद से जाग जाना /होश आना' के लए उपयु त मुहावरा है- (A) सुध-बुध खोना (B) अलख जगाना (C) दमाग होना (D) तं ा भंग होना (3) 'आड़े हाथ लेना' मुहावरे का अथ है - (A) घमंड करना (B) वरोध करना (C) खचंाई करना (D) बेराह चलना (4) रेखां कत अशं के लए कौन-सा मुहावरा यु त करना उ चत रहेगा? 'त ू म है या श ु? जहाँ भी जाता हँू , वह ं मेरे सामन ेबाधा उ प न कर देता है।' (A) मज़ा चखवाना (B) द वार खड़ी करना (C) हावी होना (D) राह न सूझना (5) सेठ द नदयाल अपने े के जाने-माने यापार ह।.................. के वारा ह उनक गनती चनुे हुए धनवान म होती है। र त थान क पू त के लए उपयु त वक प का चयन क िजए । (A) सातव आसमान पर होने (B) नतम तक होने 10 | P a g e ोध म उसने तलवार नकाल और कुछ वचार करता रहा। ोध लगातार अि न क तरह बढ़ रहा था। लोग सहम उठे। एक स नाटा-सा खचं गया। जब कोई राह न सूझी तो ोध का शमन करने के लए उसम शि त भर उसे धरती म घ प दया और ताकत से उसे खींचने लगा। वह पसीने से नहा उठा। सब घबराए हुए थे। वह तलवार को अपनी तरफ़ खींचते-खींचते दरू तक पहँुच गया। वह हाँफ रहा था। अचानक जहाँ तक लक र खचं गई थी. वहाँ एक दरार होने लगी। मानो धरती दो टुकड़ म बँटन ेलगी हो। एक गड़गड़ाहट-सी गूँजने लगी और लक र क सीध म धरती फटती ह जा रह थी। वीप के अं तम सरे तक तताँरा धरती को मानो ोध म काटता जा रहा था। सभी भयाकुल हो उठे। लोग ने ऐसे य क क पना न क थी, वे सहर उठे। उधर वामीरो फटती हुई धरती के कनारे चीखती हुई दौड़ रह थी - तताँरा.... तताँरा....तताँरा उसक क ण चीख मानो गड़गड़ाहट म डूब गई। तताँरा दभुा यवश दसूर तरफ़ था। वीप के अं तम सरे तक धरती को चाकता वह जैसे ह अं तम छोर पर पहँुचा, वीप दो टुकड़ म वभ त हो चकुा था। एक तरफ़ तताँरा था दसूर तरफ़ वामीरो। (1) लोग का सहम जाना कस बात का प रचायक है? (A) भय (B) क णा (C) ोध (D) स नता (2) तताँरा को कोई राह न सूझने के कारण पर वचार क िजए और उ चत वक प का चयन क िजए। (i) आ मसमपण का भाव (ii) वामीरो से अ य धक ेम (iii) तलवार क दैवीय शि त (iv) गाँव वाल के त रोष (A) (i) और (iii) (B) (i), (iii), (iv) (C) केवल (iii) (D) (ii) और (iv) (3) न न ल खत कथन- कारण को पढ़कर उ चत वक प का चयन क िजए। कथन (A)लोग ने ऐसे य क क पना न क थी। कारण (R) ामवा सय ने यह कदा प न सोचा था क तताँरा क त या इतनी वनाशकार स ध हो सकती है। (A) कथन (A) तथा कारण (R) दोन गलत है। (B) कथन (A) गलत है ले कन कारण (R) सह है। (C) कथन (A) सह है ले कन कारण (R) उसक गलत या या करता है। (D) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सह ह तथा कारण (R) कथन (A) क सह या या करता है। 11 | P a g e (4) तताँरा और वामीरो अलग कैसे हुए? (A) अपमान के डर से (B) गावँ वाल के दबाव म (C) पशु मेले क भीड़ के कारण (D) भू म के दो भाग म कटने से (5)ग यांश के आधार पर न न ल खत म से कौन-सा वचार मेल खाता है - (A) जो मनु य अपने ोध को अपने वश म कर लेता है, वह दसूर के ोध से वयमेंव बच जाता है। - सुकरात (B) ोध म मनु य अपने मन क बात नह ं कहता, वह केवल दसूर का दल दखुाना चाहता है। - ेमचदं (C) वह आदमी वा तव म बु धमान है जो ोध म भी गलत बात मुँह से नह ं नकालता। - शेखसाद (D) ई या, लोभ, ोध एवं कठोर वचन - इन चार से सदा बचते रहना ह व ततुः धम है। - त व लुवर न 10 न न ल खत न के उ र देने के लए उ चत वक प का चयन क िजए - (1x2=2) (1) िन िल खत म से कौन-से वा 'डायरी का एक प ा ' से मेल खाते ह- (i) पुरानी स यता के बारे म यादा क से-कहा नयाँ सनुने को मलते ह। (ii) एक संग ठत समाज कृत संक प हो तो वह कुछ भी कर सकता है। (iii) यह पाठ हमारे ां तका रय क याद दलाता है और देशभि त का भाव भरता है। (iv)26 जनवर 1930 को गलुाम भारत म पहल बार वतं ता दवस मनाया गया था। (A) केवल (i) (B) (i) और (ii) (C) केवल (iv) (D) (ii),(iii),(iv) (2) वा लयर से मुंबई के बीच लेखक ने एक बदलाव महसूस कया क - (A) ब ती ने जंगल का प ले लया है। (B) जंगल ने ब ती का प ले लया है। (C) वस वा नाम का शहर बस गया है। (D) पशु-प ी जगंल को छोड़कर चले गए ह। खडं - ब (वणना मक न) न 11 न न ल खत न म से क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए – (3x2=6) 12 | P a g e (1) प रवार के अनभुवी जन वारा द गई सीख भ व य नमाण म सहायक स ध होती है। आपके वारा पश पा यपु तक म पढ़े गए पाठ के मा यम से भी है यह ात होता है। कहानी के पा के मा यम से कथन को स ध क िजए। (2)पा य म म पढ़ एकांक वारा स ध क िजए क मु ठ भर आदमी भी बड़ी फ़ौज पर काबू पा सकते ह। (3)आशय प ट क िजए- ' यथा आदमी को परािजत नह ं करती उसे आगे बढ़न ेका संदेश देती है।' न 12 न न ल खत न म से क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए – (3x2=6) (1)कबीर ने नदंक को पास रखने क सलाह य द है? या यह सलाह आपको उ चत तीत होती है? कारण स हत प ट क िजए। (2) आपके वारा इस पा य म म पढ़ गई कस क वता क अं तम पंि तयाँ आपको सवा धक भा वत करती ह और य ? अपने वचार य त क िजए। (3) रवीं नाथ ठाकुर और मीरा क भि त का तलुना मक व लेषण क िजए। न 13 न न ल खत न म से क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए – (3x2=6) (1) ठाकुर ह रनाम सहं के तीन लड़क को एहसास था क वे कले टर के बेटे ह। लेखक वारा ऐसा कहा जाना ठाकुर ह रनाम सहं के तीन बेट और टोपी के वषय म कस वचारधारा को प ट करता है।'टोपी शु ला' पाठ के आधार पर ल खए। (2) “उनक इस ि थ त म मुझे चं तत कर दया है। जसेै कोई नाव बीच मझधार म फँसी हो और उस पर सवार लोग च ला कर भी अपनी र ा ना कर सकते हो य क उनक च लाहट दरू तक फैले सागर के बीच उठती गरती लहर म वल न हो जाने क अ त र त कर ह या सकती है।“'ह रहर काका' पाठ से उ धतृ लेखक के इस कथन क संदभ स हत ववेचना क िजए। (3)'सपन के से दन' पाठ के आधार पर बताइए क कूल क छु टय के शु और आ खर दन म ब च क ि ट म या अंतर होता था? या यह ि थ त आपक भी होती है? अपने वचार ल खए। न 14 न न ल खत म से कसी एक वषय पर संकेत- बदंओु ंके आधार पर लगभग 100 श द म अनु छेद ल खए - (5x1=5) (1) कृ त क र ा मानव क सुर ा •मनु य कृ त का अंग • कृ त से खलवाड़ •दु भाव और दरू करने के उपाय (2) जी वट और भारत
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